Saturday, July 16, 2011

चूत का प्यासा


मैं राहुल हरियाणा से फिर एक बार हाज़िर हूँ अपने दोस्तो के लिए एक मसाले से भरी कहानी लेकर !

पिछली कहानी के लिए मुझे बहुत सी मेल आई। मुझे बहुत अच्छा लगा।

शायद आपको कुछ बताने की ज़रूरत नहीं कि मैं एक स्मार्ट और क्यूट लड़का हूँ। जो कहानी मैं आप सबको बताने जा रहा हूँ यह एक विवाहित लेकिन असंतुष्ट पत्नी की जो अपने पति के लण्ड से अपनी चूत की प्यास ना बुझा पाई और उसने मुझे याद किया।





पिछले महीने मैं अपने कम्प्यूटर पर काम कर रहा था कि मुझे एक काल आई। वहाँ से एक औरत की आवाज़ आई उसने मुझसे मेरे बारे में पूछा ओर मुझे कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है. उस वक्त मैं व्यस्त था तो मैने उस से बाद में बात करने को कहा. उसी रात उसका फिर से फोन आया. तब उसने मुझे बताया कि उसकी शादी को ३ साल हो गये है लेकिन वो अपने पति से खुश नही है और वो मुझसे मिलना चाहती है. फिर हमने मिलने की जगह तय की और मैं २ दिन बाद उस से मिलने उसके घर पहुचा.click here for full story

मैं एक कॉल बॉय हूँ-२


मेरा कद ६.१ इंच का है और बॉडी भी ठीक है ... लण्ड का साइज़ ६.५ है ...

मुझे लड़कियों की चोदाई में बहुत ही मज़ा आता है ...

जैसा कि पहले भी मैंने अपने बारे में बताया था कि मैं दक्षिणी दिल्ली में साकेत पीवीआर एरिया में रहता हूँ ... मुझे मेरी पहली कहानी ( मैं एक कॉल बॉय हूँ ) का बहुत ही अच्छा रेस्पोंस मिला ...

अब मुझे अपनी कहानी लिखनी चाहिए ...

बात ऐसी है कि एक दिन मैं अपने किसी काम की वजह से जा रहा था। मैंने बस पकड़ी रूट नम्बर ४६३ मेहरौली से ओखला की। साली बस तो कम थी क़यामत ज्यादा थी। जब मैं उस बस में चढ़ा तो मैंने देखा कि बस में इतनी भीड़ थी की पूछो मत। मैंने बड़ी मु्श्किल के एक कोना पकड़ा और उसे पकड़ कर खड़ा रहा कि कब यह सब भोसड़ी के उतरेंगे और मुझे थोड़ा आराम मिलेगा ... साली रंडी की बीज बस भी तो बहुत ही धीरे चल रही थी।





तभी अचानक बस रुकी और स्टाप पे से बिहारी और मजदूर लोग चढ़ने लगे। उन में कुछ औरतें भी थीं। उन औरतों में एक औरत ऐसी थी कि देख कर किसी का भी टल्ली हो जाए .. मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया। फिर अचानक बस खानपुर वाले स्टाप पर रुकी और और भरने लगी तभी उन मजदूर लोगों में से एक बूढ़ी औरत ने उस औरत को मेरे पास खड़े होने को कहा। मुझे अचानक कुछ महसूस होने लगा तो वो उसकी चिकनी गांड का कमाल था। उस औरत ने शायद लाल रंग की पैंटी पहन रखी थी। मैंने अपनी जांघ उसकी गांड से टकरा दी। एक बार तो मैं डर ही गया कि कहीं बस वाले मुझ देख न लें ... लेकिन ऐसा हुआ नही !

click here for full story

चुद गया नितिन


आपको हमने बहुत से किस्से पहले भी सुनाये हैं
आप शायद हमें भूल गए, लेकिन हम भूल नहीं पाये हैं

आपने इतना प्यार हमको दिया कि हम आप के लिए एक बार फ़िर से आए है

तो एक बार फ़िर से आता हूँ असली बात पे
अपनी औकात पे





बात है उस कमसिन की, गर्मी के एक दिन की
मैं बैठा था उदास, क्यूंकि लंड को लगी थी बड़ी ज़ोर की प्यास

मेरा लंड भी तो दशहरा मनाना चाहता था
और किसी की चूत में ठिकाना चाहता था

एक चुलबुली लड़की को देख कर मेरा मन बहक गया
लंड का चेहरा खिल गया और चहक गया

Click here to read full Story